Tu Laali Hai Saverewali
तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का
जो सूरज तू मैं धरती तेरी तू साथी है मेरे जीवन का
तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का
जो सूरज तू मैं धरती तेरी तू साथी है मेरे जीवन का
हो तेरे मेरे बीच की मिटेगी कब दूरी
हो होती है कुछ तो सनम सभी की मजबूरी
तुम हो निग़ाहों में कब आओगी बाँहों में
तुम में जो हिम्मत हो मुझ से मोहब्बत हो
जग से मुझे छीन लो
तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का
जो सूरज तू मैं धरती तेरी तू साथी है मेरे जीवन का
हो तेरे ही फेरे करूँ खींची हुई मैं आऊँ
हो देखूँ तुझे दूर से गले ना लग पाऊँ
किसने तुम्हें रोका कर लो वो जो सोचा
हँसी ना उड़ाओ और ना जलाओ
आँचल की तुम छाँव दो
तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का
जो सूरज तू मैं धरती तेरी तू साथी है मेरे जीवन का