Subah Ka Bhoola Sham Ghar Aa Jaye
दुनिया वालो जिस दुखिया से हो जाए कोई भूल (आ आ)
उसको तुम काटा मत समझो वो भी है एक फूल (आ आ)
सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो घर आ जाए
वो भूला ना कहलाये सखी रे वो भूला ना कहलाये
सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो, घर आ जाए
वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये
जैसे चंदा दिन में खोए रातो को खिल जाए
जैसे चंदा दिन में खोए रातो को खिल जाए
उसी तरह कोई मीत बिछड़ के तुमसे फिर मिल जाए
उसी तरह कोई मीत बिछड़ के तुमसे फिर मिल जाए
उसको अकेला छोड़ ना देना
छोड़ ना देना
उसके सपने तोड़ ना देना
तोड़ ना देना
सच्ची है ये बात की अपनी भूल पे जो पछताए
वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये
ओ
सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो, घर आ जाए (सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो, घर आ जाए)
वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये
आ आ आ आ
आज की ज्योत जगा लो अपने जीवन की बाती में
आज की ज्योत जगा लो अपने जीवन की बाती में
बीती घड़ियाँ जिनके लिए थी मिल गये वो माटि मैं
बीती घड़ियाँ जिनके लिए थी मिल गये वो माटि मैं
कल की बातें हुई पुरानी
हुई पुरानी
छेडो कोई नई कहानी
नई कहानी
भूल के जो दुःख दर्द आगे कदम बढाये
वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये
ओ
सुबह का भूला जब शाम को घर आ जाए तो घर आ जाए (वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये)
वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये (वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये)
वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये (वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये)
वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये (वो भूला ना कहलाये सुनो जी वो भूला ना कहलाये)