Samajh Na Duniya Ko Ghar Khushi Ka

Aziz Kashmiri

समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का
यहाँ पे ठोकर कदम कदम है
यहाँ पे ठोकर कदम कदम है
समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का(समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का)

लगा ले मलिक से लौ ज़रा तू
लगा ले मलिक से लौ ज़रा तू
जगा ले खुद को के रात कम है
जगा ले खुद को के रात कम है
समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का(समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का)
यहाँ पे ठोकर कदम कदम है(यहाँ पे ठोकर कदम कदम है)
यहाँ पे ठोकर कदम कदम है(यहाँ पे ठोकर कदम कदम है)
समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का(समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का)

यहाँ का झूठा है प्यार बाबा
है प्यार बाबा(है प्यार बाबा)
जो हो सके मन को मार बाबा
है चार दिन की बहार बाबा
है चार दिन की बहार बाबा
कही पे खुशी है कही पे गम है
कही पे खुशी है कही पे गम है(कही पे खुशी है कही पे गम है)
समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का(समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का)
यहाँ पे ठोकर कदम कदम है(यहाँ पे ठोकर कदम कदम है)
यहाँ पे ठोकर कदम कदम है(यहाँ पे ठोकर कदम कदम है)
समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का(समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का)

ना दिन है अपना ना रात अपनी
हो सुनाए अब किसको बात अपनी
जो मार डालो तो गम नही है
जो मार डालो तो गम नही है(जो मार डालो तो गम नही है)
जो जीने दो तो बड़ा करम है
जो जीने दो तो बड़ा करम है(जो जीने दो तो बड़ा करम है)
समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का(समझ ना दुनियाँ को घर खुशी का)
यहाँ पे ठोकर कदम कदम है (यहाँ पे ठोकर कदम कदम है)

Curiosidades sobre la música Samajh Na Duniya Ko Ghar Khushi Ka del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Samajh Na Duniya Ko Ghar Khushi Ka” de Asha Bhosle?
La canción “Samajh Na Duniya Ko Ghar Khushi Ka” de Asha Bhosle fue compuesta por Aziz Kashmiri.

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