Ruk Ruk Kahan Chali

Qamar Jalalabadi, O P Nayyar

रुक रुक रुक कहा चली
दीवाने कोई रोके
Okay

वादा कर अब न करेगा
हमसे तू धोखे
Okay

रुक रुक रुक कहा चली
दीवाने कोई रोके
Okay

बहार से तू करे रहिषी
अंदर से श्री चार सौ बीसी
बहार से तू करे रहिषी
अंदर से श्री चार सौ बीसी
हम नहीं है ऐसे वैसे
आना जी मुह धोके
Okay
वादा कर अब न करेगा
हमसे तू धोखे
Okay

तेरा नखरा बाका बाका
टूट गया मेरे दिल का टाका
तेरा नखरा बाका बाका
टूट गया मेरे दिल का टाका
अपनी अदा से कहो जरा
इस atom bomb को रोके
Okay
रुक रुक रुक कहा चली
दीवाने कोई रोके
Okay

रात आज की तीखी तीखी
ना कर बातें फिखी फिखी
रात आज की तीखी तीखी
ना कर बातें फिखी फिखी
ज़रा नाच ले ज़रा झूम ले
बापू पागल हो के
Okay
वादा कर अब न करेगा
हमसे तू धोखे
Okay

तू मस्तानी में अज़ाब
खूब मिले है दो उस्ताद
तुम जो कहो तो दो दिन
जिलु तुम पे आस्किल हो के
Okay
रुक रुक रुक कहा चली
दीवाने कोई रोके
Okay
वादा कर अब न करेगा
हमसे तू धोखे
Okay

Curiosidades sobre la música Ruk Ruk Kahan Chali del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Ruk Ruk Kahan Chali” de Asha Bhosle?
La canción “Ruk Ruk Kahan Chali” de Asha Bhosle fue compuesta por Qamar Jalalabadi, O P Nayyar.

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