Raat Ke Hamsafar

Shailendra, Jaikshan Shankar

रात के हमसफ़र, थक के घर को चले
झूमती आ रही है सुबह प्यार की
देख कर सामने, रूप की रोशनी
फिर लुटी जा रही है सुबह प्यार की

सोने वालों को हँसकर जगाना भी है, रात के जागतों को सुलाना भी है
देती है जागने की सदा साथ ही, लोरियाँ गा रही हैं सुबह प्यार की
रात के हमसफ़र, थक के घर को चले
झूमती आ रही है सुबह प्यार की
देख कर सामने, रूप की रोशनी
फिर लुटी जा रही है सुबह प्यार की

रात ने प्यार के जाम भर कर दिए, आँखों-आँखों से जो मैंने तुमने पिए
होश तो अब तलक जा के लौटे नहीं
और क्या ला रही है सुबह प्यार की
रात के हमसफ़र, थक के घर को चले, झूमती आ रही है सुबह प्यार की
देख कर सामने, रूप की रोशनी, फिर लुटी जा रही है सुबह प्यार की

क्या-क्या वादे हुए किसने खाई क़सम
इस नयी राह पर हमने रखे क़दम
छुप सका प्यार कब हम छुपाएँ तो क्या
सब समझ पा रही है सुबह प्यार की
रात के हमसफ़र, थक के घर को चले, झूमती आ रही है सुबह प्यार की

Curiosidades sobre la música Raat Ke Hamsafar del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Raat Ke Hamsafar” de Asha Bhosle?
La canción “Raat Ke Hamsafar” de Asha Bhosle fue compuesta por Shailendra, Jaikshan Shankar.

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