Pilai Tune Jo Saqia

Rajendra Krishan

पिलायी तुने जो साक़िया तो मैं शराब पी गयी
मेरी खता माफ़ कर मैं बेहिसब पी गयी
पिलायी तुने जो साक़िया तो मैं शराब पी गयी
मेरी खता माफ़ कर मैं बेहिसब पी गयी
पिलायी तुने जो साक़िया तो मैं शराब पी गयी

इसी नजरिये से कह दिया है
के आज तू आफताब हो जा
चमन चमन की बहार बन जा
कली कली का सबाब होजा
कली कली का सबाब होजा
मैं एक जर्रा थी खक का यु आफताब पी गयी
मेरी खता माफ़ कर मैं बेहिसब पी गयी
पिलायी तुने जो साक़िया तो मैं शराब पी गयी

कहा से लाके नसीब ने भी
वह पे मुझको बिठा दिया है
वो होठ जिन पर उदासिया थी
उन्हें भी हसना सिखा दिया है
उन्हें भी हसना सिखा दिया है
प्यार का जाम जब मिला तो जनाब मैं पी गयी
मेरी खता माफ़ कर मैं बेहिसब पी गयी
पिलायी तुने जो साक़िया तो मैं शराब पी गयी

किसी ने देखा है आज मुझको
कुछ इस तरह प्यार की नजर से
फ़िज़ा के मौसम में जैसे आ कर
कही से उभरे बहार बरसे
कही से उभरे बहार बरसे
अच्छी लगे किसी या ख़राब मैं पी गयी
मेरी खता माफ़ कर मैं बेहिसब पी गयी
पिलायी तुने जो साक़िया तो मैं शराब पी गयी
मेरी खता माफ़ कर मैं बेहिसब पी गयी
पिलायी तुने जो साक़िया तो मैं शराब पी गयी
पि गायी पि गयी मै शराब पी गयी

Curiosidades sobre la música Pilai Tune Jo Saqia del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Pilai Tune Jo Saqia” de Asha Bhosle?
La canción “Pilai Tune Jo Saqia” de Asha Bhosle fue compuesta por Rajendra Krishan.

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