Mudatain Beet Gai

NIDA FAZLI, KHAYYAM

मुद्दते बीत गयी तुम नही आए अब तक
रास्ता और दिखाओगे ना जाने कब तक
जो भी मिलता है वो तुमसा ही नज़र आता है
जो भी मिलता है वो तुमसा ही नज़र आता है

दिल की तन्हाइया
दिल की तन्हाइया बहलाती है यूँ भी गम को
जैसे सच मच ही पुकारा हो तुम्ही ने हमको
पास आते ही मगर खाब बिखर जाता है
पास आते ही मगर खाब बिखर जाता है
जो भी मिलता है वो तुमसा ही नज़र आता है

वो हसी लम्हे
वो हसी लम्हे जो कल तक थे मुरादो की तरह
आज पलको पे चमक उठाते है यादो की तरह
दर्द रह जाता है और वक़्त गुज़र जाता है
दर्द रह जाता है और वक़्त गुज़र जाता है
जो भी मिलता है वो तुमसा ही नज़र आता है

भेजते हो कभी गुल को तो कभी शबनम को
तुम कहाँ कैसे हो मालूम है हर मौसम को
चाँद हर शब को तुम्हारी ही खबर लाता है
चाँद हर शब को तुम्हारी ही खबर लाता है
जो भी मिलता है वो तुमसा ही नज़र आता है

Curiosidades sobre la música Mudatain Beet Gai del Asha Bhosle

¿Cuándo fue lanzada la canción “Mudatain Beet Gai” por Asha Bhosle?
La canción Mudatain Beet Gai fue lanzada en 2009, en el álbum “Asha Aur Khayyam”.
¿Quién compuso la canción “Mudatain Beet Gai” de Asha Bhosle?
La canción “Mudatain Beet Gai” de Asha Bhosle fue compuesta por NIDA FAZLI, KHAYYAM.

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