Kali Ghata Chhaye Mora Jiya Tarsaye

MAJROOH SULTANPURI, S D BURMAN

आ आ काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये रे
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये रे
बोलो किसी का क्या जाये रे क्या जाये रे क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

हूँ मैं कितनी अकेली वो ये जानते
मेरे बेरंग जीवन को पहचानते
हूँ मैं कितनी अकेली वो ये जानते
मेरे बेरंग जीवन को पहचानते
मेरे हाथों को थामें हँसे और हँसाये मेरा दुख भुलाये
किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

यूही बगियन में डोलू में खोयी हुई
न तो जागी हुई सी न सोयी हुई
यूही बगियन में डोलू में खोयी हुई
न तो जागी हुई सी न सोयी हुई
मेरे बालों मे कोई धीरे से आये कली थक जाये
किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

उसके राहे तकु तलमलाती फिरूँ
हर आहट पे नैन बिछाती फिरूँ
उसके राहे तकु तलमलाती फिरूँ
हर आहट पे नैन बिछाती फिरूँ
वो जो आयेगा कल न क्यूँ आज आये मेरा मन बसाये
किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये रे
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये रे
बोलो किसी का क्या जाये रे क्या जाये रे क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

Curiosidades sobre la música Kali Ghata Chhaye Mora Jiya Tarsaye del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Kali Ghata Chhaye Mora Jiya Tarsaye” de Asha Bhosle?
La canción “Kali Ghata Chhaye Mora Jiya Tarsaye” de Asha Bhosle fue compuesta por MAJROOH SULTANPURI, S D BURMAN.

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