Jane Jaan Paas Aao Aao Na
जाने जाना पास आओ आओ
ना क्या कहा सोच लो
ये हवाए क्या कहेगी
ये नज़ारे क्या कहेगे
दो जवान दिल मगर दूर दूर
जल रहे है अपनी
अपनी आग मे आओ ना
हवावों को देखो
नॅज़ारो को देखो
जो मुझसे है
बड़के हँसीन
मेरा हुस्न तो है
निगाहो का धोखा
ये धोखा ना खाना कही
जाने बाहर जाने जिगर रक्ष
की इन चंचल लहरो मे
क्यू ना हम दोनो बह जाए
चिल्लाने दो इन साज़ो को
हम चुपके से
कुच्छ कह जाए
आओ सरजो पास आ जाओ
घुलती मिलती इन सांसो
की खुश्बू जीवन ज्योत बनेगी
प्रीत हासेंगी हे ना
ये सांसो की खुश्बू
ये बतो का जादू
ये साजिश है हालत की
ये नगमो की बारिश
ये साज़ो की हलचल
है बस एक ही रात की
ये खामोशी ये
आधी रात चाँद की
आँखे औुझल औुझल
ऐसे मे क्यू ना
हम दोनो चलते जाए
बढ़ते जाए और जहा आकाश
ज़मीन से मिल जाए
दम तोड़ दे हम दोनो सुबा
स्वेरे कोई फरिश्ता
शहर को आए देखे
दो ठंडी लाषो को
और शबनम के कतरे
चुनकर उनको एक
कफ़न पहना दे
मेरा इस सफ़र मे
ये पहला कदम है
चलूंगी जिधर ले चलो
ना रहो से वाकिफ़
ना मालूम मंज़िल
मैं हू बेख़बर ले चलो
मैं हू बेख़बर ले चलो
मैं हू बेख़बर ले चलो.