Ham Tumhari Nazar Ke Mare Hai
आवाज़ मेरी सुन कर
आवाज़ मेरी सुन कर एक बार चले आना
जब तुमको पुकारू मैं सरकार चले आना आ आ आ आ आ आ आ आ
पहले तुम बुलाने पर तुम शोख से आते थे
नगमों से मोहब्बत की तक़दीर जगाते थे
अब मुह नहीं दिखलाते
ऐसे भी बिगड़ना क्या
जब साथ जनम का है
फिर मिलके बिछड़ना क्या
नगरी है मेरी सुनी दिलदार चले आना
जब तुमको पुकारू मैं सरकार चले आना आ आ आ आ आ आ आ आ
है नाज़ मुझे अपने अरमान भरे दिल पर
तनहा न रहूंगी मैं अब इश्क की मंजिल पर
उल्फत है अगर सच्ची मैं भी तुम्हे पा लूंगी
तुम दूर रहो लेकिन मैं पास बुला लूंगी
देता है सदा तुमको फिर प्यार चले आना
जब तुमको पुकारू मैं सरकार चले आना आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ