Dil Ka Khazana Khol Diya

Narendra Sharma, Ustad Ali Akbar Khan

दिल का खज़ाना खोल दिया
दिल का खज़ाना खोल दिया
खुशियाँ लुटाने आई हूँ

खुशियाँ लुटाने आई हूँ दिल का
कहे दो काहे दो कली से
कहे दो कली से न आयी हूँ मैं
नयी बहार का संदेसा

नि गा रे सा
पा नि गा रे सा नि सा सा
पा नि गा रे सा नि सा सा
डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा
डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा

कहे दो कली से न आयी हूँ मैं

नयी बहार
नयी बहार
धा धिनक धिन
धा धिनक धिन
धा धिनक धिन धैय धैय तत

नई बहार का
नई बहार का संदेशा

नहीं रहा मीठे सपनो के
मुरझाने का अंदेशा
नहीं रहा

नहीं रहा
मीठे सपनो के
मुरझाने का अंदेशा

बगिया ख़ुशी की फूली है
मैं फूली नहीं समायी हूँ
खुशियाँ लुटाने आई हूँ

खुशियाँ लुटाने आई हूँ दिल का
आह आ आ
कदमो में कालिया बिछाती हूँ

आह आ आ
तुम इन को फूल बना लेना

तुम इन को फूल बना लेना
अधूरी किसी की आशा का
तुम अपना बना के खिला लेना

डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा डा
तुम दुल्हन बनकर आओगी
तुम दुल्हन बनकर आओगी
मैं तुम्हे बुलाने आयी हूँ

खुशियाँ लुटाने आई हूँ
खुशियाँ लुटाने आई हूँ
दिल का खज़ाना खोल दिया
दिल का खज़ाना खोल दिया दिल का

Curiosidades sobre la música Dil Ka Khazana Khol Diya del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Dil Ka Khazana Khol Diya” de Asha Bhosle?
La canción “Dil Ka Khazana Khol Diya” de Asha Bhosle fue compuesta por Narendra Sharma, Ustad Ali Akbar Khan.

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