Cham Cham Barse
पलकों को चूम गई पुरवा हवा
आँखें जो खुली तो सब कुछ था नया
पल भर तेरे सपनों में खो गई
दिन के उजाले में ही रात हो गई
काली-काली घटा आके कब छा गई
आयी बरसात तेरी याद आ गई
भीगे तनहाई मुझे तड़पा गई
छम-छम बरसे घटा
घुँघरू बजाती हैं हवा
आजा रे आजा रे आजा रे आजा रे
छम-छम बरसे घटा
घुँघरू बजाती हैं हवा
आजा रे आजा रे आजा रे आजा रे
सरगम बूंदों की कुछ ऐसी धुन गाए
एक नग़मा लहराए राहों में
मौसम गीतों का मेरे मन को तब भाए
जब सजना तू आए बाँहों में
आजा रे आजा रे आजा रे आजा रे रे
छम-छम बरसे घटा हा हा हा
घुँघरू बजाती हैं हवा
रिमझिम बरखा में आ मिल के हम भीगे (आ)
सपनों में खो जाए सावन में (आ)
पागल पंछी के पंखों के साए में
हम बादल तक जाए सावन में
आजा रे आजा रे आजा रे आजा रे हे
छम-छम बरसे घटा हा हा हा
घुँघरू बजाती हैं हवा
आजा रे आजा रे आजा रे आजा रे हे
छम-छम बरसे घटा हा हा हा
घुँघरू बजाती हैं हवा हा हा हा
छम-छम बरसे घटा हा हा हा
ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला