Bichde Huo Ko Phir Se

Chandra Shekhar Pandey

बिच्छड़े हुओ को फिरसे
मिलाकर किधर चले
उज़दी हुई दुनिया को
बसाकर किधर चले
जाते तो हो पर याद रहे
जाते तो हो पर याद रहे
यहाँ याद में कोई जलता हैं
यहाँ याद में कोई जलता है
सपनो में भूल नही जाना
सपनो में भूल नही जाना
यहाँ करवट कोई बदलता है
यहाँ करवट कोई बदलता है
तुम चले तो साथ खुशी भी चली
चल नींद भूख और प्यास चले
तुम चले तो साथ खुशी भी चली
चल नींद भूख और प्यास चले
रोके से नही रुकता दिल भी
रोके से नही रुकता दिल भी
संग में चलने को मचलता है
संग में चलने को मचलता है

तुमको पहचान सके ना हम
दी हमको खुशी और खुद लिया ग़म
तुमको पहचान सके ना हम
दी हमको खुशी और खुद लिया ग़म
ओ जाने वाले ओ जाने वाले
ओ जाने वाले ये तो बता
क्या खोकर ही कुछ मिलता है
क्या खोकर ही कुछ मिलता है

इस दिल को तसल्ली दिए जाऊ
उमीद की बातें किए जाऊ
इस दिल को तसल्ली दिए जाऊ
उमीद की बातें किए जाऊ
इतना कह दो के मिलेंगे फिर
इतना कह दो के मिलेंगे फिर
इतना कह दो के मिलेंगे फिर
कुछ इससे सहारा मिलता है
कुछ इससे सहारा मिलता है
जाते तो हो पर याद रहे
जाते तो हो पर याद रहे
यहाँ याद में कोई जलता हैं
यहाँ याद में कोई जलता है

Curiosidades sobre la música Bichde Huo Ko Phir Se del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Bichde Huo Ko Phir Se” de Asha Bhosle?
La canción “Bichde Huo Ko Phir Se” de Asha Bhosle fue compuesta por Chandra Shekhar Pandey.

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