Bahut Kala Savera Hai

Gauhar Kanpuri

बहुत काला सवेरा है
जहा हम लोग रहते है
अंधेरा ही अंधेरा है
जहा हम लोग रहते है

है इतना बड़ा संसार हमारा कोई नही
सहारा कोई नही
हम जाए किसके द्वार हमारा कोई नही
सहारा कोई नही
है इतना बड़ा संसार हमारा कोई नही
सहारा कोई नही

जाने वाले दया धर्म ही
साथ मे तेरे जाएगा
देता जा कुछ दान हमें भी
करम तेरे काम आएगा
दुखियो पे एहसान करेगा
दाता से फल पाएगा
कर दया हम पे एक बार हमारा कोई नही
सहारा कोई नही
हम जाए किसके द्वार हमारा कोई नही
सहारा कोई नही

भूखा बचपन दर दर भटके
आँधी ममता रोटी है
रातो को हम जागते है जैसे
हो किस्मत अपनी सोती है
जाने कैसे जीवन बीते
बस ये चिंता होती है
हो कैसे बेड़ा पार हुमारा कोई नही (हो कैसे बेड़ा पार हुमारा कोई नही)
सहारा कोई नही (सहारा कोई नही)
हम जाए किसके द्वार हमारा कोई नही (हम जाए किसके द्वार हमारा कोई नही)
सहारा कोई नही (सहारा कोई नही)
है इतना बड़ा संसार हमारा कोई नही (है इतना बड़ा संसार हमारा कोई नही)
सहारा कोई नही (सहारा कोई नही)
हमारा कोई नही, सहारा कोई नही (हमारा कोई नही, सहारा कोई नही)
हमारा कोई नही, सहारा कोई नही (हमारा कोई नही, सहारा कोई नही)
हमारा कोई नही, सहारा कोई नही (हमारा कोई नही, सहारा कोई नही)

Curiosidades sobre la música Bahut Kala Savera Hai del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Bahut Kala Savera Hai” de Asha Bhosle?
La canción “Bahut Kala Savera Hai” de Asha Bhosle fue compuesta por Gauhar Kanpuri.

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