Ae Gham-E-Dil Kya Karoon
आ आ आ आ आ आ आ आ
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
वहशत-ए-दिल क्या करूँ
क्या करूँ, क्या करूँ
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
वहशत-ए-दिल क्या करूँ
क्या करूँ, क्या करूँ
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
मुझको क़िस्मत ने बनाया, गदले पानी का कंवल
ख़ाक में मिल मिल गए सब, आरज़ूओ के महल
क्या खबर थी यूँ मेरी तक़दीर जाएगी बदल
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
वहशत-ए-दिल क्या करूँ
क्या करूँ, क्या करूँ
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
रूठने वाले किसी, मजबूर से रूठेगा क्या
जिस तरह क़िस्मत ने लूटा, यूँ कोई लूटेगा क्या
ऐ मेरे टूटे हुए दिल, और तू टूटेगा क्या
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
वहशत-ए-दिल क्या करूँ
क्या करूँ, क्या करूँ
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
आ आ आ आ आ आ आ आ