Aadmi Ki Zindagi Ka

M. G. Hashmat

आ आ

जवा जिस्मों के मिलने में
खुदाई आग होती है
हा रूहानी वसल होता है
खुदाई बात होती है

आ कसम उल्फ़त की उल्फ़त से
गले मिलते हो जब मुझसे
आ तुम्हारे प्यार को पाकर
मेरी रूह पाक होती है

आदमी की ज़िन्दगी का औरत नशा है
आदमी की ज़िन्दगी का औरत नशा है
हा साथी वफादार हो तो जीने का मज़ा है
हा साथी वफादार हो तो जीने का मज़ा है
आदमी की ज़िन्दगी का औरत नशा है

औरत की नज़रों में शोहर खुदा है
औरत की नज़रों में शोहर खुदा है
हा प्यार मिले उसका तो जीने का मज़ा है
प्यार मिले उसका तो जीने का मज़ा है
औरत की नज़रों में शोहर खुदा है

आ आ आ आ आ
नमाज़े इश्क़ का आशिक़ हूँ
कलमा पढ़ने दे
हा हा कलमा पढ़ने दे
हंसी चेहरे को कबा मन के
सजदा करने दे
हा हा सज़दा करने दे
खुदाई नूर नज़र आये
तेरी नज़रों में
उसकी रोशनी में मुझको
आगे बढ़ने दे
हा हा आगे बढ़ने दे
ऐसी बात है
औरत की उल्फत फरिश्ता बना दे
औरत की उल्फत फरिश्ता बना दे
आ खुदा की खुदाई से रिश्ता बना दे
खुदा की खुदाई से रिश्ता बना दे
वो चाहे तो इंसान को इतना उठा दे
के इंसान का रुतबा खुदा से मिला दे
खुदा से मिला दे

मोहब्बत में इनसे खुदा से मिला है
मोहब्बत में इंसान
हा हा
मोहब्बत में इंसान खुदा से मिला है
मोहब्बत में इंसान खुदा से मिला है
खुदा से मिला है खुदा से मिला है
मोहब्बत में इंसान खुदा से मिला है
हा साथी वफादार हो तो जीने का मज़ा है
आदमी की ज़िन्दगी का औरत नशा है

आ आ आ आ आ
मोहब्बत मंदिर मस्जिद गिरजों से ऊँची है
मोहब्बत ऊँची है
मोहब्बत की इबादत का बना ले ज़िन्दगी को
सजा ले ज़िन्दगी को

दुआ करता हु मौला से
के जब तक साँस चले
बराबर जारी रख पाऊ
हुस्न की बन्दगी को
इश्क़ की बंदगी को

मोहब्बत की दौलत खुदा की खुदाई
मोहब्बत की दौलत खुदा की खुदाई
जिसे मिल गयी बंदगी काम आयी
जिसे मिल गयी बंदगी काम आयी
नहीं तो सिसकता रहा ज़िन्दगी भर
न वो जी सका न उसे मौत आयी
उसे मौत आयी

मोहब्बत बिना ज़िन्दगी एक सजा है
मोहब्बत बिना
हा हा
मोहब्बत बिना ज़िन्दगी एक सजा है
मोहब्बत बिना ज़िन्दगी एक सजा है
मोहब्बत बिना ज़िन्दगी एक सजा है
हा मोहब्बत बिना ज़िन्दगी एक सजा है
हा साथी समझदार हो तो जीने का मज़ा है
औरत की नज़रों में शोहर खुदा है

बिना घरवाली के घर घर नहीं कहलाये
घर नहीं कहलाये
बिना घरवाले के घरवाली नहीं बन पाए
हा हा नहीं बन पाए
ज़रूरत दोनों है एक दूजे की इस दुनिया में
अकेले हाथ से तो ताली नहीं बज पाए
ताली नहीं बज पाए
हा कभी थक हार के
में तुम्हे जब देखता हु

ग़मों को दूर करके
ख़ुशी से खेलता हु
ग़मों को दूर करके
ख़ुशी से खेलता हु

ज़माने की नज़र में सिर्फ इंसान है तू
सिर्फ इंसान है तू
मगर नज़रों में मेरी
खुदा की शान है तू
मगर नज़रों में मेरी
खुदा की शान है तू
जिगर में जान है तू
मेरा ईमान है तू
रूहानी बंदगी की
हसीं अज़ान है तू

तुमसे मिली है ये जबसे निगाहें
तुमसे मिली है
हा हा
तुमसे मिली है ये जबसे निगाहें
हा पुराने मोहब्बत को मैंने पढ़ा है
पुराने मोहब्बत को मैंने पढ़ा है

आदमी की ज़िन्दगी का औरत नशा है
हा साथी वफादार हो तो जीने का मज़ा है
औरत की नज़रों में शोहर खुदा है
हा प्यार मिले उसका तो जीने का मज़ा है
औरत की नज़रों में (औरत की नज़रों में)
शोहर खुदा है (शोहर खुदा है)

Curiosidades sobre la música Aadmi Ki Zindagi Ka del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Aadmi Ki Zindagi Ka” de Asha Bhosle?
La canción “Aadmi Ki Zindagi Ka” de Asha Bhosle fue compuesta por M. G. Hashmat.

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