Aa Ja Dikhaoon Tujhe Jannat

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

आ आजा आ आ आजा
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम
ज़ुल्फ़ों की छैंया
में कर ले आराम
ज़ुल्फ़ों की छैंया
में कर ले आराम
आ आजा आ आजा
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम

जो रंग मेरे बदन में
है वो गुलों में कहाँ
महक उठी है ये महफ़िल
अजब गुलाब हूँ मैं
मेरी अदा मेरी
पायल ये गीत मस्ताने
मेरा जवाब नहीं
हाय लाजवाब हूँ मैं
आँखें मिला के पी
ले आँखों के जाम
आँखें मिला के पी
ले आँखों के जाम
आ आजा आ आजा
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम

जहां में आये हो
कुछ रोज़ ऐश कर जाओ
न जाने कल ये ज़माना
रहे रहे न रहे
ये ज़िन्दगी है बड़ी
बेवफा तुम्हारी कसम
न जाने कल ये तराना
रहे रहे न रहे
देखा जाएगा
जो होगा अंजाम
देखा जाएगा
जो होगा अंजाम
आ आजा आ आजा
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम
ज़ुल्फ़ों की छैंया
में कर ले आराम
ज़ुल्फ़ों की छैंया
में कर ले आराम
आ आजा आ आजा
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम
आ आजा दिखाऊं
तुझे जन्नत की शाम

Curiosidades sobre la música Aa Ja Dikhaoon Tujhe Jannat del Asha Bhosle

¿Quién compuso la canción “Aa Ja Dikhaoon Tujhe Jannat” de Asha Bhosle?
La canción “Aa Ja Dikhaoon Tujhe Jannat” de Asha Bhosle fue compuesta por Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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