Zara Thehro

Rashmi Virag

ज़रा ठहरो ज़रा बैठो
करनी है बातें
पास आओ और थोड़ा
सर्द है रातें
आसान होता तो मैं कब का
कह चूका होता
ऐसे तुम्हारे सामने
खामोश ना रहता
ज़रा ठहरो ज़रा बैठो
करनी है बातें
पास आओ और थोड़ा
सर्द है रातें

मेरी आँखों में सांसों में
पहले भी ये ख्वाब चलता रहा
तेरी नींदों में चुपके से जाने से
जाने क्यूँ डरता रहा
बारिश की बूंदों सा ये दिल
गिरता बरसता है
तुम पास होते हो मगर
फिर भी तरसता है
ज़रा ठहरो ज़रा बैठो
करनी है बातें
तुमको पाना चाहती हैं
मेरी बरसातें


कोई आये ना जाए ना आओ ना
ऐसी जगह में ले चलूँ
हाँ जहाँ वक़्त हमारा रुका हो
और मैं अपने दिल की कहूँ
धड़कन को अपनी
एक पल आराम ना देना
इस मोड़ पे आकर
दिल को तोड़ ना देना
ज़रा ठहरो ज़रा बैठो
करनी है बातें
और थोड़ी देर चलने दो मुलाकातें
हो ओ हो ओ हो ओ
ओ ओ

Curiosidades sobre la música Zara Thehro del Armaan Malik

¿Quién compuso la canción “Zara Thehro” de Armaan Malik?
La canción “Zara Thehro” de Armaan Malik fue compuesta por Rashmi Virag.

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