Chal Ghar Chalen

Sayeed Quadri

पल पल मेरा तेरे ही संग बिताना है
अपनी वफ़ाओं से तुझे सजाना है
दिल चाहता है तुझे कितना बताना है
हाँ तेरे साथ ही मेरा ठिकाना है

अब थक चुके हैं ये कदम
चल घर चलें मेरे हमदम
होंगे जुदा ना जब तक है दम
चल घर चलें मेरे हमदम
ता उम्र प्यार ना होगा कम
चल घर चलें मेरे हमदम
मेरे रहो तुम और तेरे हम
चल घर चलें मेरे हमदम

ख़ुशबुओं से तेरी महके हर एक कमरा
दरों दीवार नहीं
काफी है तेरी पनाह
संग तेरे प्यार का जहां बसाना है
जिसमे रहें तुम और हम
चल घर चलें मेरे हमदम
मेरे रहो तुम और तेरे हम
चल घर चलें मेरे हमदम

खिड़की पे तू खड़ा देखे रस्ता मेरा
आँखों को हर दिन मिले
यही इक मंजर तेरा
बस अब तेरी ही बाहो में जानम सो जाना हे
जागे हुए रातो के हम
चल घर चलें मेरे हमदम
होंगे जुदा ना जब तक है दम
चल घर चलें मेरे हमदम
ता उम्र प्यार ना होगा कम
चल घर चलें मेरे हमदम
मेरे रहो तुम और तेरे हम
चल घर चलें मेरे हमदम

Curiosidades sobre la música Chal Ghar Chalen del Arijit Singh

¿Quién compuso la canción “Chal Ghar Chalen” de Arijit Singh?
La canción “Chal Ghar Chalen” de Arijit Singh fue compuesta por Sayeed Quadri.

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