Mera Aasmaan Jal Gaya

Gulzar, A.R. Rahman

मेरा आसमान जल गया रे
चाँद को आग लगी
आसमान पे राख ही राख उड़ी है
जल गया मेरा आसमान
आँखें बहती है जानिया
पलकें जलती हैं
जीने का पल पल गया जानिया
जल गया मेरा आसमान
पाओं में वीराना
दिल में भी उजाड़ा है जानिया
जाए कहाँ दीवाना
जल गया मेरा आसमान

आधी आधी रात में कभी
तुम नींद में बुलाती थी
रात जल गयी वो जानिया
ख्वाब जल गया रे
बादलों से नर्म थे जानिया
हाथ जो सहलाते थे
आँखों ही से बोलती थी तुम
होंठ तो बहलाते थे
मेरा आसमान जल गया रे
चाँद को आग लगी
आसमान पे राख ही राख उड़ी है
जल गया मेरा आसमान

आग ही आग है मेरी
चार दिशाओं में
पग पग पड़े हैं छाले
अब मेरे पाओं में
कौन से जहाँ में अब तुझे
जाऊ खोजुं रे
मेरे हर जहाँ का निशान
जल गया जल गया रे

मेरा आसमान जल गया रे
चाँद को आग लगी
आसमान पे राख ही राख उड़ी है
जल गया मेरा आसमान
आँखें बहती है जानिया
पलकें जलती हैं
जीने का पल पल गया जानिया
जल गया मेरा आसमान

Curiosidades sobre la música Mera Aasmaan Jal Gaya del A.R. Rahman

¿Quién compuso la canción “Mera Aasmaan Jal Gaya” de A.R. Rahman?
La canción “Mera Aasmaan Jal Gaya” de A.R. Rahman fue compuesta por Gulzar, A.R. Rahman.

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