Jaage Hain
GULZAR, A R RAHMAN
जागे हैं देर तक
हमें कुछ देर सोने दो
थोड़ी से रात और है
सुबह तो होने दो
आधे औधरी ख्वाब जो
पूरे ना होसके
एक बार फिर से नींद में
वो ख्वाब बोने दो
जागे हैं देर तक
हमें कुछ देर सोने दो
थोड़ी से रात और है
सुबह तो होने दो
जागे हैं डियर तक
हमें कुछ डियर सोने दो
थोड़ी से रात और है
सुबह तो होने दो
आधे औधरी ख्वाब जो
पूरे ना होसके
एक बार फिर से नींद में
वो ख्वाब बोने दो