Kashmakash
संग तेरे जो शाम है
यूयेसेस में ही आराम है
संग तेरे जो शाम है
यूयेसेस में ही आराम है
पर बेड़ियाँ जो हैं चुनी
ये तोड़ डून… या के नही
कशमकश की.. ये इंतेहाँ है
कशमकश ये.. क्यू ख़ामाखान है
उलझा हूँ मैं.. उलझी है तू
उलझा हूँ मैं.. उलझी है तू
कशमकश की.. ये इंतेहाँ है
कशमकश ये.. क्यू ख़ामाखान है
उलझा हूँ मैं.. उलझी है तू
उलझा हूँ मैं.. उलझी है तू
जो दिन मिले.. संग में तेरे
यूयेसेस दिन को मैं..जाने डून ना
जो दिन मिले.. संग में तेरे
यूयेसेस दिन को मैं..जाने डून ना.. जाने डून ना
है बेरूख़ी.. हाल-ए-जिया
अरमान यही है.. पा लें पिया
पर बेड़ियाँ जो हैं चुनी
ये तोड़ डून… या के नही
कशमकश की हैं जो दीवारें
क्यूँ ना दोनो उन्हें गिरा दें
ता-उम्र वो हो रूबरू
ता-उम्र वो हो रूबरू
कशमकश की हैं जो दीवारें
क्यूँ ना दोनो उन्हें गिरा दें
ता-उम्र वो हो रूबरू
ता-उम्र वो हो रूबरू