Zindagi
हे हे हे हे हे हे हे हे हे
हे हे हे हे हे हे हे हे हे
हम कहाँ, तुम कहाँ
तुम कहाँ, हम कहाँ
हम कहाँ, तुम कहाँ
तुम कहाँ, हम कहाँ
हम कहाँ, तुम कहाँ
तुम कहाँ, हम कहाँ
सारे मौसम खुशनुमा थे
सर पे कितने आसमाँ थे
एक पल में ही ना जाने क्या हुआ
दूर तक अँधेरे, दूर हैं सवेरे
राश ही ना आए ज़िन्दगी
आए हैं कहाँ से, जाएँगे कहाँ को
कुछ तो बताए ज़िन्दगी
क्या से ये क्या हो गया, क्यूँ तू जुदा हो गया
ख़ाबों में था जो शहर क्यूँ लापता हो गया
सारे जुगनु खो गये हैं
हाथ खाली हो गये हैं
एक पल में ही ना जाने क्या हुआ
दूर तक अँधेरे, दूर हैं सवेरे
राश ही ना आए ज़िन्दगी
आए हैं कहाँ से, जाएँगे कहाँ को
कुछ तो बताए ज़िन्दगी
यादों के बदले भी ये हर साँस है बावरी
दीवारों से मुझे आती है खुशबू तेरी
कुछ तो बोलो किस लिए तुम
बिन बताए हो गये ग़ुम
एक पल में ही जाने क्या हुआ
दूर तक अँधेरे, दूर हैं सवेरे
राश ही ना आए ज़िन्दगी
आए हैं कहाँ से, जाएँगे कहाँ को
कुछ तो बताए ज़िन्दगी
हे हे हे हे हे हे हे हे हे
हे हे हे हे हे हे हे हे हे