Humdard Hai
ये दिल क्यूं बेवजह तुझे चाहे
हर राहो मैं तू मुझे मिल जाए
जज्बातों से जुड़े जो मेरे
तेरी यादों के ही हैं वो साये
जिंदगी में यूं तेरी
दे पनाह मुझे ओ
तू मोहब्बत इश्क तू ही
तेरा मुझको मर्ज है
बखुदा तू रहनुमा तू
तू ही तो हमदर्द है
तू मोहब्बत इश्क तू ही
तेरा मुझको मर्ज है
बखुदा तू रहनुमा तू
तू ही तो हमदर्द है
आँखों में यूं भरके तुझे
मैं ख्वाबों में खोने लगा
मैं ना जानू कब क्यूं कैसे
बस तेरा होन लगा
धीरे धीरे से पल ठहरा है
होने लगा अब जो तू मेरा है
इतना सा ही है डर
खो ना दू तुझे
तू मोहब्बत इश्क तू ही
तेरा मुझको मर्ज है
बखुदा तू रहनुमा तू
तू ही तो हमदर्द है
पूछा मिले सितारों से मैंने
दिल को क्या हो रहा है
सोई पालकें रातों में लेकिन
तू है मुझमे जगा
नया नया सा इश्क हुआ है
हुआ मुझे बस तुमसे हुआ है
तेरी चाहत में ही हूँ
कर फ़ना मुझे
तू मोहब्बत इश्क तू ही
तेरा मुझको मर्ज है
बखुदा तू रहनुमा तू
तू ही तो हमदर्द है