Yeh Kahan Aa Gaye Hum [Lofi]

Shiv-Hari, Akhtar Javed

मैं और मेरी तनहाई अक्सर ये बातें करते हैं
तुम होती तो कैसा होता? तुम ये कहती, तुम वो कहती
तुम इस बात पे हैराँ होती, तुम उस बात पे कितनी हँसती
तुम होती तो ऐसा होता, तुम होती तो वैसा होता
मैं और मेरी तनहाई अक्सर ये बातें करते हैं अक्सर ये बातें करते हैं

ये कहाँ आ गये हम
यूँही साथ-साथ चलते
तेरी बाहों में है जानम
मेरे जिस्म-ओ-जान पिघलते
तेरी बाहों में है जानम
मेरे जिस्म-ओ-जान पिघलते
ये कहाँ आ गये हम
यूँही साथ-साथ चलते

ये रात है या तुम्हारी ज़ुल्फ़ें खुली हुई हैं
है चाँदनी या तुम्हारी नज़रों से मेरी राते धुली हुई हैं
ये चाँद है या तुम्हारा कँगन
सितारे हैं या तुम्हारा आँचल
हवा का झोंका है या तुम्हारे बदन की खुशबू
ये पत्तियों की है सरसराहट
के तुमने चुपके से कुछ कहा है
ये सोचता हूँ मैं कबसे गुमसुम
कि जबकी मुझको भी ये खबर है
कि तुम नहीं हो, कहीं नहीं हो
मगर ये दिल है कि कह रहा है
की तुम यहीं हो, यहीं कहीं हो

ओ, तू बदन है, मैं हूँ छाया, तू ना हो तो मैं कहाँ हूँ
मुझे प्यार करने वाले, तू जहाँ है, मैं वहाँ हूँ
हमें मिलना ही था हमदम, इसी राह पे निकलते
हमें मिलना ही था हमदम, इसी राह पे निकलते
ये कहाँ आ गये हम
यूँही साथ-साथ चलते
तेरी बाहों में है जानम
मेरे जिस्म-ओ-जान पिघलते
तेरी बाहों में है जानम
मेरे जिस्म-ओ-जान पिघलते
ये कहाँ आ गये हम

Curiosidades sobre la música Yeh Kahan Aa Gaye Hum [Lofi] del Amitabh Bachchan

¿Quién compuso la canción “Yeh Kahan Aa Gaye Hum [Lofi]” de Amitabh Bachchan?
La canción “Yeh Kahan Aa Gaye Hum [Lofi]” de Amitabh Bachchan fue compuesta por Shiv-Hari, Akhtar Javed.

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