Yeh Kahan Aa Gaye Hum [Compilation]

Shiv-Hari, Akhtar Javed

मैं और मेरी तन्हाई
अक्सर ये बाते करते हैं
तुम होती तो कैसा होता
तुम ये कहती तुम वो कहती
तुम इस बात पे हैरान होती
तुम उस बात पे कितनी हँसती
तुम होती तो ऐसा होता
तुम होती तो वैसा होता
मैं और मेरी तन्हाई
अक्सर ये बाते करते हैं

देखा एक खवाब तो सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हे गुल खिले हुए
देखा एक खवाब तो सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हे गुल खिले हुए
दिल फ़िदा हे आपकी निगाहों से
दूर हे तो दरमियान तो फासले हुए
देखा एक खवाब तो सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हे गुल खिले हुए

ये रात है या तुम्हारी
ज़ूल्फेन खुली हुई हैं
है चाँदनी तुम्हारी नॅज़ारो से
मेरी राते धूलि हुई हैं
ये चाँद है या तुम्हारा कंगन
सितारे हैं या तुम्हारा आँचल
ये पट्टियों की है सरसराहट
के तुमने चुपके से कुच्छ

मेरी साँसों में बसी ये खुशबु तेरी
ये तेरे प्यार की हे जादूगरी
तेरी आवाज हे हवाओ में
प्यार का रंग हे फिजाओं में
धड़कनो में तेरे गीत हे मिले हुए
क्या कहँ के शर्म से ये लब सिले हुए
देखा एक खवाब तो सिलसिले हुए
दूर हे तो दरमियान तो फासले हुए

मैं और मेरी तन्हाई
अक्सर ये बाते करते हैं
तुम होती तो कैसा होता
तुम ये कहती तुम वो कहती
तुम इस बात पे हैरान होती
तुम उस बात पे कितनी हँसती
तुम होती तो ऐसा होता
तुम होती तो वैसा होता
मैं और मेरी तन्हाई
अक्सर ये बाते करते हैं

मेरा दिल हे तेरी पनाहों में
आ छुपा लूँ में बाहों में
तेरी तस्वीर हे निगहाओं में
फूल तक रौशनी हे राहों में
कल अगर न रौशनी के काफिले हुए
प्यार के हजार डीप हे जले हुए
देखा एक खवाब तो सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हे गुल खिले हुए
दिल फ़िदा हे आपकी निगाहों से
दूर हे तो दरमियान तो फासले हुए
देखा एक खवाब तो सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हे गुल खिले हुए

मजबुउर ये हालात
इधर भी है उधर भी
तन्हाई के ये रात इधर
भी है उधर भी
कहने को बहुत कुच्छ
है मगर किससे कहें हम
कब तक यूँ ही खामोश
रहे और सहें हम
दिल कहता है दुनिया
की हर इक रस्म उठा दें
दीवार जो हम दोनो
में है आज गिरा दें
क्यों दिल में सुलगते
रहे लोगों को बता दें
हन हमको मुहब्बत है
मोहब्बत है मोहब्बत है
अब दिल में यही बात
इधर भी है उधर भी

Curiosidades sobre la música Yeh Kahan Aa Gaye Hum [Compilation] del Amitabh Bachchan

¿Quién compuso la canción “Yeh Kahan Aa Gaye Hum [Compilation]” de Amitabh Bachchan?
La canción “Yeh Kahan Aa Gaye Hum [Compilation]” de Amitabh Bachchan fue compuesta por Shiv-Hari, Akhtar Javed.

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