Meri Yaadon Mein Ab Tak
जब हाथ से सीशे च्छुटे थे
जब दिल के रिश्ते टूटे थे
जब टूटी थी अफ़साने की कड़ी
मेरी यादों में
अब तक हैं वो घड़ी
कुछ मैने कहाँ
कुछ तुमने कहाँ
फिर आवाज़ो में ज़हेर घुला
जब कड़वी हुई तब बात बढ़ी
मेरी यादों में
अब तक हैं वो घड़ी
फिर मैने तुम्हें हरज़ाई कहाँ
बेवफा कहाँ मनगरूर कहाँ
फिर मैने तुम्हें बेरहें कहाँ
जज़्बात से तुमको डोर कहाँ
दोनो ने कहाएँ इल्ज़ाम नये
इक दूसरे को दे नाम नये
दीवार जो बीच में आनी थी
उसकी ऐसे बुनियाद पड़ी
मेरी यादों में
अब तक हैं वो घड़ी
फिर तुमने कहाँ अब जो भी हो
मुझे तुमसे मिलना ही नही
फिर तुमने कहाँ तुम भी सुनलो
मुझे इसकी कोई परवाह ही नही
हर रसम को हुँने छ्चोड़ दिया
जो एहेड किया था तोडिया
जो दिल फूलो से नाझुक थे
उनमें जैसीए कोई तेल कड़ी
मेरी यादों में
अब तक हैं वो घड़ी
तुम भी तन्हा मैं भी तन्हा
दिन बीट गये युग बीट गये
हम हारे शिकवे जीत गये
हम हारे शिकवे जीत गये
जिस प्यार के घाम में जींदा है
कब तक उससे इनकार करें
आओ फिर से इकरार करें
आओ फिर से इकरार करें
हम ऐसे गले लगकर रोए
जो दाग हैं दिल में धूल जाए
और प्यार की नागरी ये देखे
हम दोनो लौट के हैं आए