Kya Tumhe Pata Hai

LAXMIKANT SHANTARAM KUDALKAR, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA, RANI MALLIK

क्या तुम्हे पता है
क्या तुम्हे पता है
फूल चमन में खिलता हैं
तो खुसबू भी आती हैं
फूल जो मूरजाए तो
खुसबू कहाँ चली जाती हैं
क्या तुम्हे पता है

हन मुझे पता हैं
हन मुझे पता हैं
जिसने फूल को चाहा
खुसबू उसके पास आती हैं
और चुपके से आकर
उसके दिल में घुस जाती हैं

क्या तुम्हे पता है
क्या तुम्हे पता है
चाँद हैं इतना डोर
चकोरी कभी पह्ोछ ना पाए
फिर क्यूँ पगली चाँद के आयेज
रात रात भर जागे

हन मुझे पता हैं
हन मुझे पता हैं
चाँद के आयेज पगली चकोरी
सोच के ये मंडलाए
कोई संदेशा चाँद का
शायद चाँदनी लेकर आए

क्या तुम्हे पता है
क्या तुम्हे पता है
नादिया बहते बहते जाके
सागर में खोती हैं
खुद को मिट्तने की ये तमन्ना
उसमें क्यूँ होती हैं
क्या तुम्हे पता है

हन मुझे पता हैं
हन मुझे पता हैं

प्यार की बाज़ी ऐसी बाज़ी
जो खोए वो पाए
प्रेम नगर में वोही भाने
कुछ जो पहले मित्त जाए

ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला

Curiosidades sobre la música Kya Tumhe Pata Hai del Alka Yagnik

¿Quién compuso la canción “Kya Tumhe Pata Hai” de Alka Yagnik?
La canción “Kya Tumhe Pata Hai” de Alka Yagnik fue compuesta por LAXMIKANT SHANTARAM KUDALKAR, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA, RANI MALLIK.

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