Kitni Sardi Pad Gayee

RAM-LAXMAN, RAVINDRA RAWAL

उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी
उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी
घबराके मैं सैयाँ तेरे कंबल में आ गयी
घबराके मैं सैयाँ तेरे कंबल में आ गयी

उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी
उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी
अरे तू कंबल में आई मुझको राहत मिल गयी
ओये तू कंबल में आई मुझको राहत मिल गयी

ठंडी हवा के झोंको से काँटे मेरे तन मे चुभे
बाहो में अपनी ऐसे ही थामे रहेंगे हम तो तुम्हे

तन बदन में जैसे गर्मी एक पल मे आ गयी
घबराके मैं सैयाँ तेरे कंबल में आ गयी
घबराके मैं सैयाँ तेरे कंबल में आ गयी

उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी
उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी

हे तू कंबल में आई मुझको राहत मिल गयी
ओये तू कंबल में आई मुझको राहत मिल गयी

ओ ओ ओ ओ ओ हो हो हो हो हो

ओ हो हो हो हो ओ हो हो हो हो
प्यार से ऐसे देखो ना कोई ख़ता ना हो जाए

हम भी करे क्या जब कोई खुद ही निशाना हो जाए

मुझको जीना आ गया जो तेरी चाहत मिल गयी
तू कंबल में आई मुझको राहत मिल गयी
ओये तू कंबल में आई मुझको राहत मिल गयी

उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी
उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी

घबराके मैं सैयाँ तेरे कंबल में आ गयी
घबराके मैं सैयाँ तेरे कंबल में आ गयी

उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी
उ हू हू उ हू हू उ हू हू कितनी सर्दी पड़ गयी

अरे तू कंबल में आई मुझको राहत मिल गयी
ओये तू कंबल में आई मुझको राहत मिल गयी

Curiosidades sobre la música Kitni Sardi Pad Gayee del Alka Yagnik

¿Quién compuso la canción “Kitni Sardi Pad Gayee” de Alka Yagnik?
La canción “Kitni Sardi Pad Gayee” de Alka Yagnik fue compuesta por RAM-LAXMAN, RAVINDRA RAWAL.

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