Kiske Shaanon Pe
किसके शानो पे वो अश्को को बहाता होगा
किसके शानो पे वो अश्को को बहाता होगा
बाद मे रे वो कहाँ शाम बिताता होगा
किसके शानो पे वो अश्को को बहाता होगा
बाद मे रे वो कहाँ शाम बिताता होगा
किसके शानो पे वो अश्को को बहाता होगा
जिसकी आँखों मे सदा चाँद रहा करता था
जिसकी आँखों मे सदा चाँद रहा करता था
कौन से दिलसे शराबो को जलाता होगा
किसके शानो पे वो अश्को को बहाता होगा
लोग जब पूछते होंगे मेरे बारे मे तो फिर
लोग जब पूछते होंगे मेरे बारे मे तो फिर
कैसे कैसे वो बहाने ना बनाता होगा
किसके शानो पे वो अश्को को बहाता होगा
जिसने सूरज के सिवा कुछ नही देखा उसको
जिसने सूरज के सिवा कुछ नही देखा उसको
रास्ता कौन अंधेरो मे दिखता होगा
किसके शानो पे वो अश्को को बहाता होगा
बाद मे रे वो कहाँ शाम बिताता होगा
किसके शानो पे वो अश्को को बहाता होगा