Baadalon Mein Chup Raha Chand [Jhankar]

Qateel Shifai

आहा आहा हम हम हम हम हम हम
हे हाहा हाहा

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी अदा से पूछ लो

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी अदा से पूछ लो

मेरी हसरतो पे बेखुदी सी छा गयी
तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गयी

मेरी हसरतो पे बेखुदी सी छा गयी
तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी
निगाह लड़खड़ा गयी

हो रहा हूँ मैं नशे में चूर क्यूँ
झूमती हुयी फजा से पूछ लो
हो रहा है बे पिए सुरूर क्यों
मेरी जुल्फ़ की घटा से पूछ लो
बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की जय से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी ऐडा से पूछ लो

दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना खुशनसीब है
दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है
कितना खुशनसीब है

झूमता है मेरा अंग अंग क्यूँ
अपनी रूह की सदा से पूछ लो
बज रहे है दिल में जल तरंग क्यूँ
गीत छेदती हवा से पूछ लो

बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
हम्म अपने हुस्न की जाया से पूछ लो
चाँदनी पड़ी हुयी है मांड क्यूँ
अपने ही किसी ऐडा से पूछ लो

Curiosidades sobre la música Baadalon Mein Chup Raha Chand [Jhankar] del Alka Yagnik

¿Quién compuso la canción “Baadalon Mein Chup Raha Chand [Jhankar]” de Alka Yagnik?
La canción “Baadalon Mein Chup Raha Chand [Jhankar]” de Alka Yagnik fue compuesta por Qateel Shifai.

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