Apni Soorat Pe
अपनी सूरत पे इतराने वाले
अपनी सूरत पे इतराने वाले
आ, तुझे प्यार करना सीखा दूँ
अब ये आलम है मेरी अदा का
अब ये आलम है मेरी अदा का
मैं जिसे चाहे मजनूँ बना दूँ
अपनी सूरत पे इतराने वाले
अपनी सूरत पे इतराने वाले
यूँ तो जहाँ में लाख हसीं हैं
हम भी किसी से कम तो नहीं हैं
हम भी किसी से कम तो नहीं हैं
ये ग़ुरूर और मुझ से ना करना
ये ग़ुरूर और मुझ से ना करना
अच्छे अच्छों के मैं होश उड़ा दूँ
अपनी सूरत पे इतराने वाले
अपनी सूरत पे इतराने वाले
चाँद जो देखें आए पसीना
फूल जो देखें शर्म आजाए
फूल जो देखें शर्म आजाए
मेरे जैसा ना कोई भी आया
मेरे जैसा ना कोई भी आया
हँस के देखूँ तो बिजली गिरा दूँ
अपनी सूरत पे इतराने वाले
अपनी सूरत पे इतराने वाले
दम से हमारे जमती है महफ़िल
दम से हमारे मिलती है मंज़िल
दम से हमारे मिलती है मंज़िल
ऐसी शम्मा हूँ मैं झिलमिलाती
ऐसी शम्मा हूँ मैं झिलमिलाती
आग जिस दिल में चाहूँ लगा दूँ
अपनी सूरत पे इतराने वाले
आ, तुझे प्यार करना सीखा दूँ
अब ये आलम है मेरी अदा का
मैं जिसे चाहे मजनूँ बना दूँ
अपनी सूरत पे इतराने वाले
अपनी सूरत पे इतराने वाले
अपनी सूरत पे इतराने वाले