Aa Saath Aa

JAVED AKHTAR, RAJU SINGH

आ साथ आ हम जाए वहाँ
ये ज़िंदगी हो जहाँ मेहेरबान
आ साथ आ हम जाए वहाँ
ये ज़िंदगी हो जहाँ मेहेरबान
नीले गगन के तले
ठंडी पवन जो चले
बस प्यार मॅन में पाले हो ये समा

आ साथ आ हम जाए वहाँ
ये ज़िंदगी हो जहाँ मेहेरबान
नीले गगन के तले
ठंडी पवन जो चले
बस प्यार मॅन में पाले हो ये समा

जहाँ रेशम जैसी बाते हो
जहाँ सारी चाँदनी राते हो
जहाँ रेशम जैसी बाते हो
जहाँ सारी चाँदनी राते हो

वहीं जाए अपना ये करवा
वहीं पूरी हो दिल की ये दासता

आ साथ आ हम जाए वहाँ
ये ज़िंदगी हो जहाँ मेहेरबान

फूलो की हो वो ज़ामी
खाबों से ज़्यादा हसीब
हल्का सा भी वो नही घाम का निशान

हूमें इन्न सपनो की च्चाओं में
जाएँगे नवेली राहों में
हूमें इन्न सपनो की च्चाओं में
जाएँगे नवेली राहों में

जहाँ बरसे मुलायम सी रोशनी
बहती हो जहाँ कोई रागिनी

आ साथ आ हम जाए वहाँ
ये ज़िंदगी हो जहाँ हो मेहेरबान

खुशियाँ बसी हो जहाँ
कलियाँ खिली हो जहाँ
महकी हुई हो जहाँ सब वाडिया

आ साथ आ हम जाए वहाँ
ये ज़िंदगी हो जहाँ मेहेरबान

नीले गगन के तले
ठंडी पवन जो चले

बस प्यार मॅन में पाले हो ये समा
हो ये समा, हो ये समा
हो ये समा, हो ये समा

Curiosidades sobre la música Aa Saath Aa del Alka Yagnik

¿Quién compuso la canción “Aa Saath Aa” de Alka Yagnik?
La canción “Aa Saath Aa” de Alka Yagnik fue compuesta por JAVED AKHTAR, RAJU SINGH.

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