Dil Ki Tapish
Sameer Samant
आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ
दिल कि तपिश आज है आफताब आफताब
जी मोरे दिल कि तपिश आज है आफताब
आफताब
दिल कि तपिश आज है आफताब
बिसरे सगरे
बिसरे सगरे
बिसरे सगरे
सपने कहिना लागे मन ये आज मोरा
दिल कि तपिश आज हौ आफताब
सा रे ग म प ध
प म ग रे ग म ग रे ग ध नि
सा रे ग पं, रे ग म प ध
ग म प ध नि, म प ध नि सा
दिल कि तपिश आज है आफताब आ आ
आ आ गीत लुभावन यु मन भावन
गीत लुभावन यु मन भावन
जैसे बरसे पहला सावन
जैसे बरसे पहला सावन
महके अंगनिया, बहेके आज जिया
है संगीत कि जीत, सुनकर इस दिल कि ये
धडकन बिसुराये हर गम
गुंजे जब हर पल हर दम तन तम भरमाये
दिल कि तापिश आज है आफताब है आफताब आफताब आ आ आ