Aa Bhi Jaa
Shoaib Firozi
बेबस है दिल यह कितना जब से तुम्हारा हुआ
खामोशी मई है यह लिपटा सबसे किनारा हुआ
बेवजह हो गया था तुझसे इश्क़ कभी
तेरी ज़ुल्फोन मई भूली थी शामें मेरी
आ भी जा ओ यारा हा ओ यारा
आ भी जा यारा
आ भी जा ओ यारा हा ओ यारा
आ भी जा यारा हे ह
खुशियों का सूखा दिल पे पड़ा क्यू
आखें नम रह गई
फ़ासले जब ना दरमियाँ थे चाहत क्यू कम रह गई
अश्कों के सैलाब मई अब रहा जाए ना
दर्द बिछड़ने का अकेले अब सहा जाए ना
आ भी जा ओ यारा हा ओ यारा
आ भी जा यारा
आ भी जा ओ यारा हा ओ यारा
आ भी जा यारा हे ह
महफूज़ तेरी यादों को मैं रखूँगा सदा
है जुड़ा हम दोनो फिर भी इश्क़ है ज़िंदा