Ishq Dariya
AMAN PANT, ZAIGHAM IMAM
एक नदी प्यास प्यास करती है
जाने किसको तलाश करती है
एकक समन्दर अभी भी तनहा है
क्या पत्ता किसकी राह तकता है
इश्क़ दरिया को प्यास करे
इश्क़ खुशियों को भी उदास करे
हो हो इश्क़ दरिया को प्यास करे
इश्क़ खुशियों को भी उदास करे
इश्क़ सूरज का नूर कम कर दे
इश्क़ मंदिर को भी हरम करदे
इश्क़ आये तो बुत भी बोल पड़े
इश्क़ चाहे तो लब न खोल सके
इश्क़ ढूंढा तो खुद को खो बैठे
इश्क़ पाया ख़ुदा के हो बैठे
इश्क़ सफ़ा हे जाके रख दे मरहम(इश्क़ सफ़ा हे जाके रख दे मरहम)
हल्के बा सफ़ा की रख दे मरहम(हल्के बा सफ़ा की रख दे मरहम)
इश्क़ सफ़ा हे जाके रख दे मरहम(इश्क़ सफ़ा हे जाके रख दे मरहम)
हल्के बा सफ़ा की रख दे मरहम(हल्के बा सफ़ा की रख दे मरहम)
इश्क़ सफ़ा हे जाके रख दे मरहम
हल्के बा सफ़ा की रख दे मरहम