Bhatka Hua Dil
Aman Pant, Akhil Tiwari
भटका हुआ दिल
जो तुमसे मिला है
कोई वजह है - कोई वजह है
खामोशियों की
अपनी ज़ुबान है
कोई वजाह है - कोई वजाह है
दिखने लगा है
रंग आसमानी
करवट ली फ़ितरत ने
हुई रूमानी
हूँ मैं नही वो
जो मैं कभी था
बदला है मंज़र
बदली कहानी
भटका हुआ दिल
जो तुमसे मिला है
कोई वजाह है - कोई वजाह है
हम्म्म हम्म्म हम्म्म
लम्हों को जीना
आने लगा है
इश्क़ ए सफ़र ये
भाने लगा है
जो रात बेचैनियों से भरी थी
नया ख्वाब उसमें
सिरहाने लगा है
भटका हुआ दिल
जो तुमसे मिला है
कोई वजह है - कोई वजह है