Lamhe Mahakne Lage Hain

Panchhi Jalonvi

लम्हे महकने लगे हैं
जब से सपने सजे है
छोटे से मन के कोरे दरपन में
कभी धड़कती है आँखे मेरी
कभी बहकती है बाहे मेरी
कभी मचलती है साँसे इस दिल के आँगन में
हो हो हो हो हो हो हो
लम्हे महकने लगे हैं
जब से सपने सजे है

भीगु चाहतो की हलकी बारिशों में
और बूँदो से करू मैं दिल की बाते
शामिल हो रहा है कोई मेरी आदतो में
बस में ना तो दिन है न ही राते
मेरे लिए हा हा मेरे लिए
कोई होगा कही दिल बिताए
अरे होने लगा हा हा होने लगा
उसकी आहत से मौसम जावा हा
लम्हे महकने लगे हैं
हा जब से सपने सजे है

मुझको छू रहा है ये कौन आईने में
मैं सोचु जाने कब से सिलसिला है
दिल में जिसका चेहरा ख्वाबों में तराशा
नगमा बनके लब पे अब खिला है
छाने लगा हा हा छाने लगा
कोई जादू जैसे मेरे दिल पे
अरे गाने लगा हा हा गाने लगा
संग मेरे आज सारा जहाँ हा
लम्हे महकने लगे हैं
हा जब से सपने सजे है
छोटे से मन के कोरे दरपन में
कभी धड़कती है आँखे मेरी
कभी बहकती है बाहे मेरी
कभी मचलती है साँसे इस दिल के आँगन में
हो हो हो हो हो हो हो

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