Maqbool Hai
इश्क़ वफ़ा है इश्क़ सिफ़ा है
इश्क़ से बंदे क्यूँ तू खफा है
दिल मे बसा है रब की दुआ है
ख़ुसनसीब है वो जिसको मिला है
ख़ास्स तो बा-खुदा का ये सबके लिए
तू ना साँझ इसे तो उसकी क्या ख़ाता है
मक़बूल है मक़बूल है
अफसाना ये इश्क़ मक़बूल है
मक़बूल है मक़बूल है
अफसाना ये इश्क़ मक़बूल है
इश्क़ वफ़ा है इश्क़ सिफ़ा है
इश्क़ से बंदे क्यूँ तू खफा है
दिल मे बसा है रब की दुआ है
ख़ुसनसीब है वो जिसको मिला है
ख़ास्स तो बा-खुदा का ये सबके लिए
तू ना साँझ इसे तो उसकी क्या ख़ाता है
मक़बूल है मक़बूल है
अफसाना ये इश्क़ मक़बूल है
मक़बूल है मक़बूल है
अफसाना ये इश्क़ मक़बूल है
(आयू आ आयो आ यो)
(आयू आ आयो आ यो)
ऊ हर दिल मे है ये हाजिर
च्छुटे है इश्कि खातिर ताज रे ताज रे
सबने की है गुलामी
तू भी देदे सलामी आज रे
इश्क़ के रास्ते है बड़े कुर्फतार
गुजरा तूफान से जो उसको साहिल मिला है
मक़बूल है मक़बूल है
अफसाना ये इश्क़ मक़बूल है
मक़बूल है मक़बूल है
अफसाना ये इश्क़ मक़बूल है
हेई राहलून मैं इश्क़ आजा
कर ले इमाता जा ज़रा रे
ऊ दर इसको खोने से भी
ये तो सोने से खड़ा रे
इश्क़ की कीमतो से वाकिफ़ कहाँ
इश्क़ की आहमियत भी ना तुझको पता है
मक़बूल है मक़बूल है
अफसाना ये इश्क़ मक़बूल है
मक़बूल है मक़बूल है
अफसाना ये इश्क़ मक़बूल है
(आयू आ आयो आ यो)
(आयू आ आयो आ यो)