YEH DIL
ये दिल भरा है दर्द से
गम इसका मिटा दो
आफ़त आई दिल पे अब मेरे तो
कैसे तुझको भुला दूँ
ये दिल भरा है दर्द से
गम इसका मिटा दो
आफ़त आई दिल पे अब मेरे तो
कैसे तुझको भुला दूँ
याद कर वो लम्हे जब जब साथ तेरे हम थे
ना था ज़ोर कोई हमपे और शिकवे गीले भी कम थे
देखे आसमान हम छत से जिसको देख के ना थकते
हमने माना तुमको था खुदा और थे किए तेरे सजदे
बातें ये मेरी अब कों सुनना चाहेगा
तेरी तरह ख़याल कों रख पाएगा
तू भी सोच इतना कोन सह पाएगा
अब ये चेहरा किसको देख के मुस्कुराएगा
रात ये लंबी लगने लगी है नींद नही आती
इस बेबसी की ज़िंदगी में कोई अपना नही
रात ये लंबी लगने लगी है नींद नही आती
इस बेबसी की ज़िंदगी में कोई अपना नही
मेरी आँखें हो गयी है नम
हर वक़्त बेवफ़ाई पाई है
ढूँढें तू क्यूँ मेरे जिस्म पे ज़ख़्म
मैने चोट मेरे दिल पे खाई है
यादों का तेरे कुछ अलग असर
आज भी मुझपे वो भारी है
रहता मेरे मन में इस कदर
जाने ये कैसी खुमारी है
ये दिल भरा है दर्द से
गम इसका मिटा दो
आफ़त आई दिल पे अब मेरे तो
कैसे तुझको भुला दूँ
ये दिल भरा है दर्द से
गम इसका मिटा दो
आफ़त आई दिल पे अब मेरे तो
कैसे तुझको भुला दूँ
इशारा दो कोई मैं जाउ अब कहाँ
ना संग तेरे अब है घर मेरा रहा
पुकार रही मुझे फिर तू कभी कही
हक़ीक़तें ना यह पर मेरा फलसफर