Rona Likha Tha
सोचा ही नही था
तुझे खो दूँगा
हंसते हंसते मैं भी
इक दिन रो दूँगा
सोचा ही नही था
तुझे खो दूँगा
हंसते हंसते मैं भी
कभी रो दूँगा
पर मुझको क्या खबर थी
तेरी और कहीं नज़र थी
इन्न हाथों की लकीरों में
तेरा खोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
तू खुश रहे जहाँ भी रहे
मैं दिल से माँगूँ
दुआयं तेरे लाई
मैं ज़िंदगी मेरी
नाम करदी तेरे
पर तूने मुझे बता
क्या किया है मेरे लाई
कैसे मिल जाता किस्मत में
जो ना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
सब कहते हैं तू ना आएगी
फिर भी मैं तेरा
इंतेज़ार करता हूँ
हन दिल मेरा तूने तोड़ा है
फिर भी मैं तुझसे ही
प्यार करता हूँ
तक़डीरों की लकीरों में
यह होना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही
बस रोना लिखा था
मेरे नसीब में तू नही