Ik Naya Khuwab

Shakeel Sohail

झूम के चली
मेहकी हवा सुरों को ओढ़ के
आये जो यहान जाए ना कभी
ये राहे छोड के
धुप नगर में सजने लगी है
मेहकी वादिया
बरफ तले है उझले पहाडों का
दिलकश समा
रंग सारे सारे सारे
आँखो की ज़मीन पे है खीले
संग तारे तारे तारे
सोंधी सोंधी राहों पे मिले
एक नया ख्वाब
एक नया ख्वाब
एक नया ख्वाब

ना कदम रुके
आती रहे मंज़िलों की रोशनी
दौर ये हसीन
बढ़ती रहे यूँही ये चाँदनी
लेहर लेहर से खेल रही है
मौसम आज के
नज़र नज़र के साथ मिली है
लम्हे थाम के
रंग सारे सारे सारे
आँखो की ज़मीन पे है खीले
संग तारे तारे तारे
सोंधी सोंधी राँहो पे मिले
एक नया ख्वाब
एक नया ख्वाब
एक नया ख्वाब

Curiosidades sobre la música Ik Naya Khuwab del Atif Aslam

¿Cuándo fue lanzada la canción “Ik Naya Khuwab” por Atif Aslam?
La canción Ik Naya Khuwab fue lanzada en 2020, en el álbum “Ik Naya Khuwab”.
¿Quién compuso la canción “Ik Naya Khuwab” de Atif Aslam?
La canción “Ik Naya Khuwab” de Atif Aslam fue compuesta por Shakeel Sohail.

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